Tiger Video Viral : जानवरों की जिंदगी के बारे में जानने या उन्हें करीब से देखने के चक्कर में कई बार हदें भी पार कर दी जाती हैं। ऐसे में लेने के देने भी पड़ सकते हैं। अगर कोई खूंखार जानवर भड़क जाए तो आपकी जान को भी खतरा रहता है। अब एक वीडियो सामने आया है, जो इन्हीं बातों की झलक पेश कर रहा है। यह मानव और जानवरों के जीवन के बीच टकराव को दर्शाती बेहतरीन फुटेज है, जिसमें एक चीता सफारी एडवेंचर पर आए लोगों के एक ग्रुप में भय पैदा कर देता है। हम इससे पहले भी ऐसे कई वीडियो देख चुके हैं, जिनमें इंसानों के स्वार्थ के कारण उनकी वाइल्डलाइफ क्षेत्र में घुसपैठ हुई। ताजा वीडियो इंडियन फोरेस्ट सर्विस (IFS) ऑफिसर सुसांता नंदा ने शेयर किया है। उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में एक गुस्साया बाघ एक टूरिस्ट विकल की ओर झपट्टा मारता है।
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चीता के गुर्राने से घबराए पर्यटक
वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि तमतमाया चीता गुर्राने के साथ कार में बैठे पर्यटकों को डरा रहा है। जैसे ही टाइगर नजदीक आया, पर्यटकों में दहशत पैदा हो गई और उन्होंने ड्राईवर से कार को रिवर्स लेने को कहा। यानी वे उल्टे पैर लौट गए। जब चीता ने वाहन पर हमला करने की कोशिश की तो आप वीडियो में लोगों का हल्ला साफ सुन सकते हैं। वे बुरी तरह से घबरा गए। उन्होंने शुक्र मनाया होगा कि उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचा। नंदा ने ट्विटर पर वीडियो पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा कि धारीदार संन्यासी चिढ़ गया। आप क्या करेंगे अगर कोई भी खुद का मामला या हक मानते हुए आपके घर में जब चाहे तब घुस जाए।
यहां देखें वीडियो
Striped monk gets irritated 😣
What will you do if at every designated hours people crash into your house as their matter of right? pic.twitter.com/4RDCVLWiRR
— Susanta Nanda (@susantananda3) April 26, 2023
लोगों को अखरा पर्यटकों का व्यवहार, बोले…
यह क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और इस पर मिली-जुली प्रतिक्रिया आ रही है। कोई इसे घुसपैठ तो कोई अत्याचार बता रहा है। आईए देखें यूजर्स ने क्या-क्या लिखा :-“ऐसा लगता है कि यह आम बात हो गई है। आश्चर्य होगा अगर पर्यटन या रिजर्व फोरेस्ट में उचित व्यवहार के संबंध में कुछ पाठ पढ़ाया जाए और बदलाव हो जाए?”, “सफारी की संख्या में कटौती होना जरूरी है-रोजाना के आधार पर और साथ ही कुछ सप्ताह कोई सफारी नहीं!”, “यह दुर्भाग्यशाली है कि हम लोग जानवरों को न तो जंगल और न ही इसके बाहर रहने देना चाहते।”, “यह हमेशा गलत है कि मनुष्यों को जंगल में किसी भी रूप या किसी भी उद्देश्य से घुसने दिया जाए। अंत में प्रकृति को इसकी कीमत चुकानी पड़ती है।”
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