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280 बेगुनाहों की मौत का कौन जिम्मेदार? रेलयात्रियों के काम आता ‘कवच’, आईए जानें यह सिस्टम

Rakesh Kumar
4 Min Read
Odisha Train Accident

Kavach System : ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार रात एक दिल दहलाने वाली दुर्घटना में सैकड़ों लोगों की जान चली गई। तीन ट्रेनों के बीच हुई टक्कर में अंतिम समाचार मिलने तक 280 लोगों की मौत हो चुकी है। युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। हर तरफ लोग रोते-बिलखते नजर आ रहे हैं। कोई अपनों के खोने से दुखी है तो किसी के रिश्तेदार अस्पताल में जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे हैं। जिन लोगों पर दुख का पहाड़ टूटा है, उनके साथ सभी की संवेदनाएं हैं। कोई दुआ कर रहा है तो कोई पीड़ितों के लिए मदद का हाथ बढ़ा रहा है। आपको बता दें कि हादसा बहानगा बाजार स्टेशन के पास हुआ। एक्सीडेंट के समय एक मालगाड़ी आउटर लाइन पर खड़ी थी। हावड़ा से आ रही कोरोमंडल एक्सप्रेस बहानगा बाजार से करीब 300 मीटर दूर डिरेल हो गई।

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साल की शुरुआत में दिखाया गया था सिस्टम का डेमो

कोरोमंडल एक्सप्रेस का इंजन मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गया और इसकी बोगियां तीसरे ट्रैक पर जा गिरीं। उधर तेज रफ्तार से आ रही हावड़ा-बेंगलुरु एक्सप्रेस भी कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियों से टकरा गई। इस बीच विपक्ष रेलवे की उस तकनीक को लेकर सवाल उठा रहा है, जिसका डेमो कुछ समय पहले दिखाया गया था। रेलवे ने जीरो एक्सीडेंट टार्गेट हासिल करने के लिए कवच प्रोजेक्ट लॉन्च किया था। इसे अभी तक सभी ट्रैक पर नहीं जोड़ा गया है। रेलवे के स्पोक्सपर्सन अमिताभ शर्मा ने बताया कि इस रूट पर कवच सिस्टम नहीं लगा था। साल की शुरुआत में इसका एक डेमो दिखाया गया था, जिसमें दो ट्रेन आमने-सामने आने पर खुद ही रुक जाती हैं।

साल 2012 में शुरू हुआ था सिस्टम पर काम

अब हम आपको कवच सिस्टम की विस्तार से जानकारी देंगे। कवच एक ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम है, जिसे रेलवे ने रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (RDSO) के माध्यम से विकसित किया है। रेलवे ने इस सिस्टम पर साल 2012 में काम शुरू किया था। तब इसका नाम Train Collision Avoidance System (TCAS) था। इसका पहला ट्रायल साल 2016 में किया गया था। यह सिस्टम कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का सेट है। इसमें रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइसेज को ट्रेन, ट्रैक, रेलवे सिग्नल सिस्टम और हर स्टेशन पर एक किलोमीटर की दूरी पर इंस्टॉल किया जाता है। यह सिस्टम अल्ट्रा हाई रेडियो फ्रिक्वेंसी के माध्यम से दूसरे कंपोनेंट्स से कम्युनिकेट करता है।

…तो रुक जाती हैं 5 किमी के दायरे में मौजूद सभी ट्रेन

लोको पायलट जैसे ही किसी सिग्नल को जंप करता है, तो कवच तुरंत एक्टिव हो जाता है। फिर सिस्टम पायलट को अलर्ट करता है और ट्रेन के ब्रेक्स खुद के नियंत्रण में ले लेता है। सिस्टम को जैसे ही यह पता चलता है कि ट्रैक पर कोई और ट्रेन आ रही है, तो वो पहली ट्रेन के मूवमेंट को रोक देता है। सिस्टम ट्रेन के मूवमेंट को लगातार मॉनिटर करता है और इसके सिग्नल भेजता रहता है। इस सिस्टम के दावों में कहा गया है कि अगर कोई ट्रेन सिग्नल जंप करती है, तो 5 किलोमीटर के दायरे में मौजूद सभी ट्रेनों का मूवमेंट रुक जाएगा।

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