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Sukanya Samriddhi Yojana : बेटियों के लिए खुशखबरी, सरकार ने ब्याज दरें बढ़ाकर कीं 8%

Rakesh Kumar
4 Min Read
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Sukanya Samriddhi Yojana : बेटियों के लिए खुशखबरी, सरकार ने ब्याज दरें बढ़ाकर कीं 8%महिलाओं के विकास के लिए देश में कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। केंद्र सरकार की ऐसी ही एक योजना है सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), जो काफी लोकप्रिय हो चुकी है। इसमें मुख्य रूप से उन अभिभावकों का ध्यान रखा गया है, जो बेटी की शिक्षा और शादी-ब्याह को लेकर चिंतित रहते हैं। योजना के तहत खाते में निश्चित समय तक लगातार पैसा जमा कराने के बाद मैच्योरिटी पर बढ़िया राशि मिलती है। इस बीच, सरकार ने इस योजना पर ब्याज दरें 7.60 से बढ़ाकर 8 प्रतिशत कर दी है। हालांकि एसएसवाई ब्याज दरें हर क्वार्टर (तिमाही) में बदलती रहती हैं। अपनी पहली बच्ची के जन्म के बाद इस योजना में अकाउंट खुलवाने वाले अभिभावक 7.60 से 8 फीसदी के बीच रिटर्न हासिल करने की उम्मीद कर सकते हैं।

बच्ची के 18 साल की होने पर…

अगर कोई व्यक्ति अपनी बिटिया के जन्म के तुरंत बाद एसएसवाई अकाउंट में योगदान देना शुरू कर देता है तो वो 15 साल तक ऐसा कर सकता है। जब बच्ची 18 साल की हो जाए तो मैच्योरिटी अमाउंट का 50 प्रतिशत निकाला जा सकता है। इसके अतिरिक्त शेष मैच्योरिटी अमाउंट बच्ची के 21 साल की होने पर निकाला जा सकता है। अगर कोई सोचता है कि एसएसवाई अकाउंट से बीच में राशि निकालना सही नहीं है तो वह बच्ची के 21 साल की होने पर पूरी राशि ले सकता है।

15 साल तक हर माह 12500 रुपए जमा कराने पर मिलेंगे…

अगर कोई व्यक्ति एक साल तक 12 किश्तों में हर महीने 12500 रुपए जमा कराता है, तो वह सेक्शन 80सी के तहत एक वित्तीय वर्ष में पूरे 150000 रुपए इनकम टैक्स बेनेफिट लिमिट यूज करने के योग्य रहेगा। यह मानते हुए कि मैच्योरिटी पर निवेश किए जाने वाले धन पर 7.6 फीसदी रिटर्न मिलेगा। जब लड़की 21 साल की हो जाती है तो निवेशक (इनवेस्टर) अपना पूरा इनवेस्टमेंट निकाल सकता है। और एसएसवाई करीब 63 लाख 79 हजार 634 रुपए की वेल्यू के साथ मैच्योर होगी। बच्ची 21 साल की उम्र में आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर हो जाएगी अगर कोई निवेशक उसके पैदा होने के साथ ही एसएसवाई में हर महीने 12500 रुपए का योगदान करता है।

2015 में लॉन्च हुए थी योजना

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई) के रूप में एक सेविंग प्रोग्राम वर्ष 2015 में शुरू किया गया था। यह सरकार के बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान का हिस्सा है। इस कार्यक्रम की सहायता से अभिभावक किसी अधिकृत कमर्शियल बैंक या पोस्ट ऑफिस ब्रांच पर अपनी बिटिया के लिए एक बचत खाता खुलवा सकते हैं। इनवेस्टमेंट इंटरेस्ट इनकम को टैक्स से छूट मिलेगी। निवेशक वांछित कोष (कॉर्पस) जमा करने के लिए मैच्योरिटी अमाउंट पर बेस्ट अपने नियमित भुगतान को मोडिफाई कर सकते हैं। अगर बालिका ने 10वीं क्लास पास कर ली और कम से कम 18 साल की हो गई तो कॉर्पस निकालना उसकी उच्च शिक्षा लागत पर एप्लाई कर सकता है। राशि सिर्फ एडमिशन और फीस कॉस्ट के मद में दी जा सकती है। जमाकर्ता (डिपॉजिटर) को सबूत के रूप में यूनिवर्सिटी एंट्रेंस क्रेडेंशियल्स और फी रिसीप्ट्स देनी होगी, जिससे पता चले कि राशि शैक्षणिक उद्देश्य के लिए ही काम में ली जा रही है।

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