Coronavirus के कारण फैली वैश्विक महामारी Covid-19 ने पूरी दुनिया को हिला दिया। दुनिया के विभिन्न हिस्सों में इसका अलग-अलग समय पर प्रकोप देखा गया। भारत में मार्च 2020 से इसने कहर बरपाना शुरू किया था और करीब दो साल तक इसने जमकर तबाही मचाई। हजारों लोगों की जान लेने के साथ इस बीमारी ने सभी उद्योग-धंधे चौपट कर दिए। इससे थोड़े समय राहत मिलने के बाद अब यह फिर से असर दिखाने लगा है। भारत में कोविड-19 के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकारों ने एक बार फिर से कमर कसते हुए पाबंदियां शुरू कर दी हैं।
हम सभी को वायरस की चपेट में आने से बचने के लिए अपने स्तर पर भी कदम उठाने होंगे, जैसा कि हमने पहले किया था। घर में मास्क, सैनिटाइजर, ग्लव्स हर हाल में रखें। साथ ही किसी को सर्दी या बुखार होने पर उसे क्वारंटीन कर दें। मास्क-ग्लव्स पहनने के बाद ही बीमार के कॉन्टेक्ट में आएं। सैनिटाइजर का छिड़काव करते रहें। आपको इन बेसिक बातों का तो पालन करना ही है, साथ ही कुछ और चीजों पर ध्यान देना जरूरी है। आज हम बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे गैजेट्स के बारे में जो यह बता देते हैं कि कोविड-19 के लक्षण हैं या नहीं, यानी आप इन्हें घर पर रख सावधानी बरत सकते हैं।
बुखार कोविड-19 के सबसे आम लक्षणों में से एक है इसलिए बुखार चेक करते रहना निहायत जरूरी है। देखने में आया है कि अधिकतर लोग नॉर्मल या डिजिटल थर्मोमीटर घर पर रखते हैं, जिनसे काम चल जाता है। हालांकि अगर इंफ्रारेड थर्मोमीटर की व्यवस्था हो जाए तो यह ज्यादा बढ़िया है क्योंकि इसे बॉडी को टच किए बगैर ही तापमान लिया जा सकता है। इसकी कीमत कुछ ज्यादा होती है।
कोविड होने पर कई मरीजों की दिक्कत बढ़ जाती है और उनका ब्लड प्रेशर (BP) ऊपर-नीचे होने लगता है। ऐसे में बीपी को लगातार मोनिटर करना जरूरी है। घर में एक बीपी मोनिटर होना चाहिए। डिजिटल मोनिटर होने पर पल्स रेट पर भी नजर रखी जा सकती है। वैसे भी इन दिनों अधिकतर लोग बीपी की समस्या से त्रस्त हैं।
कोविड होने के बाद सबसे ज्यादा जरूरी है उसके ऑक्सीजन लेवल को चेक करना। मरीज में ऑक्सीजन लेवल में तेजी से उतार-चढ़ाव आता है। लेवल ज्यादा गिरने पर सांस लेने में जबरदस्त दिक्कत होती है। उसे तुरंत ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है और अस्पताल ले जाए बिना काम नहीं चलता। ऐसे में पल्स ऑक्सीमीटर घर में रखना बेहद जरूरी है ताकि मामले की गंभीरता का अंदाज लग सके।
हमने देखा था कि कोरोनावायरस के इंफेक्शन के कारण लोगों की सांस की नली में कंजेशन (रुकावट) आ गया था। मरीज को लगातार स्टीम (भाप) देकर सर्दी-खांसी के लक्षणों पर काबू पाने के साथ चेस्ट कंजेशन को कम किया जा सकता है। वैसे भी सांस की बीमारी वालों के लिए स्टीमर और नेबुलाइजर बेहद जरूरी होता है। ये कोविड पैशेंट के लिए भी फायदेमंद हैं।
होंडा कार्स इंडिया इस साल दूसरी बार गाड़ियों की कीमतों में बढ़ोतरी करने जा रही… Read More
SIP Calculator: 4,20,000 लाख का निवेश करके ₹ 65 लाख प्राप्त करना बहुत मुश्किल काम… Read More
हिमाचल प्रदेश में रहने वाली महिलाओं (women) को सरकारी पेंशन मिलेगी, जिसकी घोषणा के लिए… Read More
एसयूवी कारों का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। इसका कारण SUVs कारों की बढ़ती… Read More
WhatsApp एक नई सुविधा ला रहा है जिसे 'चैट फिल्टर' कहा जाता है, जो उपयोगकर्ताओं… Read More
मारुति सुजुकी इंडिया ने मार्च 2024 में अपनी नेक्सा रेंज की वाहनों पर भारी छूट… Read More