अगर आपके बैंक अकाउंट में पैसे नहीं है और आप फिर भी उससे भुगतान कर पाएं तो आपकी खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा। जी हां, अब यह सपना सच होने जा रहा है। दरअसल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की पहल से यह संभव होगा। आरबीआई के अनुसार वे लोग जिन्हें बैंक से प्री अप्रूव्ड क्रेडिट लाइन मिली हुई है, वे यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) की मदद से भुगतान कर सकेंगे। इससे होमग्रॉन पेमेंट्स प्लेटफॉर्म पर नए क्रेडिट प्रोडक्ट्स के लिए स्टेज सेट हो गई है। फिलहाल यूपीआई पेमेंट डिपॉजिट अकाउंट और कभी कभार वॉलेट सहित प्री पैड इंस्ट्रुमेंट्स से किया जा सकता है।
पिछले साल जून में आरबाई ने यूपीआई पर रूपे क्रेडिट कार्ड की मंजूरी भी दी थी, जिससे इस बात की उम्मीद जगी कि बाद में यह पेमेंट मैकेनिज्म के माध्यम से क्रेडिट प्रोडक्ट्स की डिलीवरी की इजाजत देगा। अब आरबीआई ने प्री सेंक्शंड क्रेडिट लाइंस से फंड के ट्रांसफर की इजाजत दी है। दूसरे शब्दों में यूपीआई नेटवर्क बैंक द्वारा फाईनेंस किए जाने वाले क्रेडिट के भुगतान की सुविधा देगा। इससे ऐसे ऑफरिंग्स की कॉस्ट घट सकती है और भारतीय बाजार के लिए यूनीक प्रोडक्ट्स के विकास में मदद मिलेगी। प्री सेंक्शंड क्रेडिट लाइंस या प्री अप्रूव्ड क्रेडिट का मतलब वह क्रेडिट है जो बैंक इंटरनल डेटा का विश्लेषण करने के बाद ग्राहकों के लिए मंजूर करते हैं।
यूपीआई फिलहाल भारत में रिटेल डिजिटल पेमेंट्स वोल्यूम का 75 प्रतिशत है। मार्च में ही यह 8.7 बिलियन ट्रांजेक्शंस रिकॉर्ड किया गया, जिसकी कीमत 14.1 ट्रिलियन रुपए थी। यह डेटा नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) से लिया गया है। बैंकर्स और इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि इससे ऋणदाताओं को इसकी पूर्ति के लिए नए उत्पादों के साथ आने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक के इंडिया एंड साउथ एशिया मार्केट्स (बांग्लादेश, नेपाल व श्रीलंका) के क्लस्टर सीईओ जरिन दारूवाला, यस सिक्योरिटीज में रिसर्च एंड लीड एनालिस्ट के हैड शिवाजी थपलियाल, पीडब्ल्यूसी इंडिया में पेमेंट्स ट्रांसफोर्मेशन के पार्टनर मिहिर गांधी और यूरोनेट में इंडिया एंड साउथ एशिया के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रणय झवेरी ने इसकी तारीफ की है। इससे न सिर्फ वित्तीय लेन-देन में सुविधा और लचीलापन बढ़ेगा बल्कि यूपीआई की आगामी वृद्धि के लिए भी रास्ता खुलेगा। साथ ही देश में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिलेगा।