रिजर्व बैंक (Reserve Bank) ने आज कई बड़ी घोषणाएं कर मौजूदा वित्त वर्ष की पहली मॉनेटरी पॉलिसी (Monetary Policy) में बड़ी राहत दी है। जी हां, RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने ब्याज दरों में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। जिसका मतलब है कि रेपो रेट पहले की तरह 6.50 फीसदी पर ही बरकरार रहेगा। बता दें कि Monetary Policy कमेटी की इसी हफ्ते की शुरुआत में हुई बैठक में कई अहम फैसले लिए गए जिनकी जानकारी देते हुए RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया है कि MPC ने अर्थव्यवस्था में जारी पुनरुद्धार को बरकरार रखने और उसे और स्पीड देने के लिए रेपो रेट में बदलाव न करने का फैसला किया है।
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इसके साथ ही बैंक ने मौजूदा फाइनेंशियल ईयर के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 6.4 फीसदी से बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर दिया है। जबकि मौजूदा फाइनेंशियल ईयर में मुद्रास्फीति 5.2 फीसदी रहने का अनुमान रखा गया है। वहींमौजूदा फाइनेंशियल ईयर की पहली तिमाही में मुद्रास्फीति 5.1 फीसदी रहने का अनुमान बताया गया है।
जानकारी के लिए बता दें कि रेपो रेट वह ब्याज दर है जिसपर कमर्शियल बैंक अपनी फौरी जरूरतों की पूर्ति के लिए केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। इससे पहले RBI पिछले साल मई से लेकर कुल 6 बार में रेपो दर में 2.50 फीसदी की बढ़ोतरी कर चुका है। वहीं RBI द्वारा आज की घोषणाओं में रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट और अन्य संबंधित फैसले शामिल हैं। इसके अलावा गवर्नर ने मौजूदा डोमेस्टिक और ग्लोबल आर्थिक स्थिति को लेकर पर मीटिंग में चर्चा की। कई अर्थशास्त्रियों का मानना था कि रेपो रेट में एक चौथाई अंक या 25 बेसिस अंकों की बढ़ोतरी हो सकती है।
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आने वाले समय में बढ़ सकती है दर
वहीं बाइ-मंथली मॉनेटरी पॉलिसी की घोषणा करते हुए गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि मॉनेटरी पॉलिसी आने वाले भविष्य में दर में बढ़ोतरी से संकोच नहीं करेगी। ब्याज दर को बरकरार रखते हुए मुख्य मुद्रास्फीति स्थिर बनी हुई है। गौरतलब है कि फरवरी महीने में खुद्रा मुद्रास्फीति पिछले महीने के 6.52 फीसदी की तुलना में 6.44 फीसदी रही।