Post Office Savings Schemes : भारत में बैंक के साथ पोस्ट ऑफिस की योजनाओं में भी निवेश को बढ़िया विकल्प माना जाता है। हालांकि बैंक इसमें बाजी मार लेता है, लेकिन अब पोस्ट ऑफिस भी ज्यादा पीछे नहीं रहा। पिछले कुछ समय से पोस्ट ऑफिस टर्म डिपॉजिट बैंक की एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) की तुलना में कम रिटर्न दे रहे थे। अब ऐसी बात नहीं रही। पोस्ट ऑफिस फिर से प्रतिस्पर्धी बन गए हैं क्योंकि सरकार ने स्माल सेविंग्स स्कीम्स पर एक के बाद एक तीन दफा ब्याज दरें (इंटरेस्ट रेट्स) बढ़ा दीं। स्माल सेविंग्स स्कीम के तहत दो साल के पोस्ट ऑफिस टर्म डिपॉजिट पर 6.9 प्रतिशत रिटर्न मिल रहा है।
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आपको बता दें कि अधिकतर बैंकों में भी दो साल की जमा पर इतना ही रिटर्न ऑफर किया जा रहा है। एक सेंट्रल बैंक एनालिसिस के हिसाब से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) द्वारा मई 2022 से रेपो दर में लगातार बढ़ोतरी के बाद पिछले वित्तीय वर्ष के दूसरे हाफ में रिटेल डिपॉजिट रेट्स के ट्रांसमिशन ने रफ्तार पकड़ ली, जो अप्रेल से सितंबर के बीच पहले हाफ में नहीं थी। दूसरे हाफ में बैंकों ने क्रेडिट ग्रॉथ को मजबूत बनाने की दिशा में रिटेल डिपॉजिट को सुधारने के लिए अपने प्रयासों में तेजी ला दी।
बैंकों के फ्रेश डिपॉजिट (रिटेल व बल्क शामिल) पर वेटेड एवरेज डोमेस्टिक टर्म डिपॉजिट रेट (डब्ल्यूएडीटीडीआर) मई 2022 से फरवरी 2023 तक 222 बेसिस पॉइंट (बीपीएस) बढ़ गया। पहले हाफ में बैंकों ने बल्क डिपॉजिट को गति देने पर फोकस किया था। आरबीआई ने कहा कि दूसरे हाफ में फ्रेश रिटेल डिपॉजिट रेट्स (122 बेसिस पॉइंट) की बढ़ोतरी के साथ यह पलट गया, जो फ्रेश बल्क डिपॉजिट रेट 77 बेसिस पॉइंट थी। आउटस्टैंडिंग डिपॉजिट पर डब्ल्यूएटीडीआर को ट्रांसमिशन बढ़ रहा है। यह फिक्स्ड रेट्स पर टर्म डिपॉजिट की लोंगर मैच्योरिटी प्रोफाइल रिफ्लेक्ट कर रहा है।
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स्माल सेविंग्स इंस्ट्रुमेंट्स (एसएसआई) के संबंध में सरकार ने अक्टूबर-दिसंबर क्वार्टर में 10-30 बीपीएस, जनवरी-मार्च में 20-110 बीपीएस और मौजूदा वित्तीय वर्ष के पहले क्वार्टर में 10-70 बीपीएस बढ़ाया है। एसएसआई पर पिछले 9 क्वार्टर से इंटरेस्ट रेट्स में कोई बदलाव नहीं हुआ है। यह अवधि 2020-21 के दूसरे क्वार्टर से लेकर 2022-23 के दूसरे क्वार्टर तक की है। इन एडजस्टमेंट्स के साथ अधिकतर एसएसआई की रेट्स फॉर्मूला बेस्ड रेट्स के साथ काफी करीब से अलाइन्ड है। एसएसआई पर इंटरेस्ट रेट्स सरकार द्वारा तय होती है और ये सैकंडरी मार्केट से लिंक होती हैं।
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