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RBI ने रेपो रेट में नहीं किया कोई बदलाव, इस माह नहीं बढ़ेगी EMI

Rakesh Kumar
4 Min Read
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RBI Repo Rate : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मुख्य बेंचमार्क ब्याज दर मानी जाने वाली रेपो रेट (Repo Rate) में कोई बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट 6.5 फीसदी ही बनी हुई है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को दो दिन चली मोनिटरी पोलिसी कमेटी (MPC) की बैठक के बाद यह घोषणा की। दास ने कहा कि एमपीसी के छह में से पांच सदस्यों ने ग्रॉथ पर फोकस करते हुए वोटिंग की। सेंट्रल बैंक की एमपीसी ने लगातार पिछली छह पोलिसी में रेट बढ़ोतरी के बाद इस बार विश्राम लेने का फैसला किया।

इस हिसाब से आरबीआई ने तय किया कि स्टेंडिंग डिपोजिट फेसिलिटी (SDF) 6.25 प्रतिशत पर ही कायम रहेगी और मार्जिनल स्टेंडिंग फेसिलिटी (MSF) और बैंक रेट 6.75 फीसदी पर स्थिर रहेगी। इसका मतलब है कि इस महीने आपकी EMI नहीं बढ़ेगी। शक्तिकांत दास के नेतृत्व वाली एमपीसी ने पिछले साल मई से शुरू हुई रेट बढ़ोतरी के बीच मुद्रास्फीति (इनफ्लेशन) चेक करने के लिए 3, 5 और 6 अप्रैल को बैठक संचालित की। इसी साल फरवरी में आयोजित एमपीसी की पिछली बैठक में इनफ्लेशन को मैनेज करने के लिए रेपो रेट 25 बेसिस पॉइंट तक बढ़ाई गई थी।

मई 2022 के बाद से रेपो रेट में 250 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी हो चुकी है। ब्याज दर में बढ़ोतरी एक मौद्रिक नीति है, जो अर्थव्यवस्था में मांग को दबाने में मदद करती है। इससे इनफ्लेशन रेट कम होने में सहायता मिलती है। इनफ्लेशन जनवरी के बाद दो महीने से आरबीआई की टोलरेंस लिमिट 6 प्रतिशत से ऊपर चल रही है। फरवरी में भारत की रिटेल इनफ्लेशन 6.44, जबकि जनवरी में 6.52 फीसदी थी। नॉन फूड, नॉन फ्यूल कंपोनेंट में कोर इनफ्लेशन लगातार चौथे महीने 6 पर्सेंट से ऊपर है। माना जा रहा है कि आरबीआई अप्रैल में अपने अगले पोलिसी रिव्यू में और 25 बेसिस पॉइंट की वृद्धि कर सकता है। आपको बता दें कि सेंट्रल बैंक साल में 6 बार यानी हर दो मास से अपनी मौद्रिक नीति का रिव्यू करता है। आपातकालीन स्थिति में जरूरत पड़ने पर आरबीआई और भी रिव्यू करता है।

आज आरबीआई की यह वित्तीय वर्ष 2023-24 की मौद्रिक नीति की पहली द्वीमासिक घोषणा है। आरबीआई रेपो रेट में बढ़ोतरी कर इकोनोमी में इनफ्लेशन नियंत्रित करने की कोशिश करता है। इससे बिजनेस और इंडस्ट्रीज पर भार पड़ता है और बदले में बाजार में निवेश और मनी सप्लाई की रफ्तार धीमी पड़ जाती है। हाल ही में वैश्विक व्यापारिक माहौल की अनिश्चतताओं को देखते हुए अपेक्स इंडस्ट्री चैम्बर एसोचैम ने एक स्टेटमेंट में आरबीआई की एमपीसी से लेंडिंग रेट्स के साथ ज्यादा बढ़ोतरी पर विराम लगाने का आग्रह किया था।

एसोचैम के अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा था कि सुनने में आ रहा है कि आरबीआई की एमपीसी एक बार फिर से 25 बेसिस पोइंट बढ़ाने जा रही है। हमारा मानना है कि इकोनोमी सेचुरेशन पोइंट से ऊपर पहुंच चुकी है, जिससे रेट में किसी भी प्रकार की और बढ़ोतरी मुश्किलें बढ़ा सकती है। रेट में वृद्धि होने पर रियल एस्टेट, जिसमें रेजिडेंशियल कॉम्प्लेक्स शुमार है, साथ ही पैसेंजर कारें, कमर्शियल विकल्स पर नकारात्मक असर पड़ने की आशंका रहेगी।

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