NPS : आम आदमी के लिए पैसे से जुड़ी कोई भी बात काफी मायने रखती है। रखे भी क्यों नहीं, आखिरकार सारा संसार ही पैसे के इर्द-गिर्द घूम रहा है। हम आज भी कुछ ऐसी ही खबर लेकर आए हैं, जिसका जनसरोकार से नाता है। इसके माध्यम से आप जान पाएंगे कि कितना निवेश कर बड़ा पैसा बनाया जा सकता है। बता दें कि पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) छोड़ने के बाद वार्षिक भुगतान में तेजी लाने और इसके सरलीकरण के लिए 1 अप्रेल 2023 से सबस्क्राइबर्स द्वारा निश्चित डॉक्यूमेंट्स अपलोड कराना अनिवार्य किया है। भारत में पेंशन के ओवरऑल सुपरविजन व रेगुलेशन के लिए बनी रेगुलेटरी बॉडी पीएफआरडीए ने कहा था कि सबस्क्राइबर्स के हित में और उन्हें वार्षिक आय के समय पर भुगतान के फायदे के लिए 1 अप्रेल 2023 से कुछ कागजातों को अपलोड करना अनिवार्य है।
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इन कागजातों को करना होगा अपलोड
एग्जिट और एनुइटी की समानांतर प्रोसेसिंग के लिए, निश्चित विड्रॉअल और केवाईसी डॉक्यूमेंट्स अपलोड करना जरूरी है। पीएफआरडीए ने एनपीएस सबस्क्राइबर्स को जो डॉक्यूमेंट्स अपलोड करने के लिए कहा है, वे इस प्रकार हैं :-
– एनपीएस विड्रॉअल/एग्जिट फॉर्म
– विड्रॉअल फॉर्म में मेंशन की गई आईडेंटिटी और एड्रेस का प्रूफ
– बैंक अकाउंट का प्रूफ
– परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर (PRAN) कार्ड कॉपी
इस तरह से की गई है 44.35 लाख रुपए की गणना
अब हम आपको आसान तरीके से नेशनल पेंशन सिस्टम के फायदे समझाएंगे। अगर आप अभी 34 साल के हैं तो 26 साल और पेंशन अकाउंट पैमेंट कर सकते हैं। माना कि आप अनुमानित (एस्टीमेटेड) 10 प्रतिशत वार्षिक आरओआई या इंटरेस्ट रेट (ब्याज दर) को ध्यान में रखते हुए 3000 रुपए हर महीने योगदान देते हैं। इस तरह से एनपीएस में कुल प्रिंसिपल इनवेस्टमेंट 9.36 लाख रुपए हो जाएगा। एनपीएस केलकुलेटर के हिसाब से आपको मैच्योरिटी (परिपक्वता) पर 44.35 लाख रुपए मिलेंगे।
साल 2003 में हो गई थी PFRDA की स्थापना
भारत सरकार ने साल 1999 में वृद्धावस्था आय सुरक्षा से संबंधित नीति की जांच करने के लिए वृद्धावस्था सामाजिक एवं आय सुरक्षा नाम से एक राष्ट्रीय परियोजना की शुरुआत की थी। ओएसिस रिपोर्ट की सिफारिशों के आधार पर सरकार ने सशस्त्र बलों को छोड़कर, केंद्रीय/राज्य सरकार सेवा में नए प्रवेशकों के लिए मौजूदा प्रणाली परिभाषित लाभ पेंशन सिस्टम की जगह एक नई परिभाषित अंशदान पेंशन प्रणाली की शुरुआत की।
23 अगस्त 2003 को पेंशन क्षेत्र को बढ़ावा देने, विकसित और नियंत्रित करने के लिए सरकार ने एक प्रस्ताव के माध्यम से अंतरिम पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (PFRDA) की स्थापना की। 22 दिसंबर 2003 को सरकार ने इस अंशदायी पेंशन प्रणाली को अधिसूचित किया, जिसे 1 जनवरी 2004 से प्रभावी NPS नाम दे दिया गया। बाद में 1 मई 2009 से प्रभावी इस एनपीएस को स्वैच्छिक आधार पर स्वयं-कार्यरत पेशेवरों तथा असंगठित क्षेत्र में अन्य लोगों सहित सभी नागरिकों के लिए लागू कर दिया गया।
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