Balika Samridhi Yojana : बदलते दौर में हमारे देश की बेटियां भी काफी आगे निकल गई हैं। उन्होंने अपने मजबूत इरादों से दिखा दिया है कि वे पुरुषों की बपौती मानी जाने वाली हर जगह पर उन्हें कड़ी चुनौती दे सकती हैं। बच्चियां बिना किसी संकोच के सभी क्षेत्रों में खुद को साबित कर रही हैं। उनके विकास में सरकार का भी बराबर योगदान है। 15 अगस्त 1947 को भारत की आजादी के बाद से ही महिलाओं के उत्थान पर ध्यान दिया जा रहा है। पिछले कुछ सालों से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान काफी लोकप्रिय हो रहा है। इसे मौजूदा सरकार ने ही शुरू किया था। इसका उद्देश्य लड़कियों की सुरक्षा और शिक्षा सुनिश्चित करना है। हालांकि मोदी सरकार से पहले जारी एक और स्कीम भी आज तक हिट है। इसमें भी बच्चियों को उनके जन्म से लेकर पढ़ाई तक वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
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Balika Samridhi Yojana : आपको बता दें कि साल 1997 में सरकार ने बालिका समृद्धि योजना (Girl Child Prosperity Scheme) शुरू की थी। इस स्कीम में बालिकाओं के लिए जन्म से लेकर उनकी शिक्षा तक वित्तीय मदद की व्यवस्था है। सबसे पहले बच्ची के जन्म पर उसकी मां को सहायता के रूप में 500 रुपए मिलेंगे। इसके बाद बालिका की 10वीं क्लास की पढ़ाई तक हर स्टेज पर सरकार वित्तीय मदद उपलब्ध कराएगी। यह स्कीम ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों दोनों में उन परिवारों के लिए बनाई गई है, जो गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवनयापन कर रहे हैं। हर परिवार को अधिकतम दो बेटियों के लिए ही इस योजना का लाभ मिलता है।
Balika Samridhi Yojana : इस योजना में आवेदन के लिए जो कागजात चाहिए उनमें बच्ची का जन्म प्रमाण पत्र, माता-पिता का मूल निवास प्रमाण पत्र (domicile) और उनका या रिश्तेदारों का आईडेंटिटी प्रूफ जरूरी हैं। परिचय पत्र में राशन कार्ड, आधार कार्ड या बैंक अकाउंट पास बुक स्वीकार्य है। आवेदक एप्लीकेशन को ऑनलाइन या ऑफलाइन सबमिट कर सकते हैं। ऑफलाइन एप्लीकेशन आंगनबाड़ी वर्कर्स या स्वास्थ्य सेवा केंद्रों से ली जा सकती है। ऑनलाइन एप्लीकेशन को इलेक्ट्रॉनिक तौर पर ही भरना और जमा कराना होगा। यहां इस बात पर ध्यान देना जरूरी है कि ग्रामीण और शहरी दोनों लाभार्थियों को अलग से फॉर्म दिए जाएंगे। इनमें सभी आवश्यक जानकारियां भरना जरूरी हैं।
Balika Samridhi Yojana : इस स्कीम के तहत केंद्र सरकार बच्चियों की पढ़ाई के लिए सालाना छात्रवृत्ति (Scholarship) देती है। यह राशि हर कक्षा के हिसाब से बदलती है। पहली से तीसरी कक्षा के लिए स्कॉलरशिप 300 रुपए सालाना होती है। बाद में यह धीरे-धीरे बढ़ती हुई 9वीं और 10वीं क्लास में 1000 रुपए सालाना पहुंच जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में इस योजना को Integrated Child Development Services द्वारा मैनेज किया जाता है, जबकि शहरी क्षेत्रों में इस स्कीम का जिम्मा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के पास है।
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