Electric Car : हमारे देश में कार खरीदने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। पहले शान ओ शौकत का प्रतीक मानी जाने वाली कार अब लोगों की जरूरत बन गई है। वे कार का इस्तेमाल नौकरी पर जाने या किसी काम-धंधे के वास्ते तो करते ही हैं, साथ ही घूमने-फिरने के लिए भी यह बहुत काम आ रही है। फिर भी पेट्रोल-डीजल से चलने वाली कार अब भारी पड़ने लगी है। हालांकि पिछले एक साल से इन दोनों ईंधन (फ्यूल) की कीमत स्थिर बनी हुई है। पिछले साल 22 मई को सरकार ने तेल पर लगने वाली एक्सामइज ड्यूटी में कटौती की थी। तब पेट्रोल-डीजल के रेट 8 रुपए प्रति लीटर तक घट गए थे। इस पूरे साल के दौरान क्रूड ऑयल की कीमत काफी कम हुई है। फिलहाल इसकी रेट 75 डॉलर प्रति बैरल के करीब चल रही है।
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पेट्रोल कार जितने हो जाएंगे इलेक्ट्रिक कार के दाम
इस बीच पिछले कुछ समय से लोगों को कार के मामले में ऑप्शन मिलने लगा है। दरअसल पेट्रोल-डीजल के दाम ज्यादा होने से कारों को चाहने वालों का झुकाव बैटरी चलित इलेक्ट्रिक कारों की ओर हो रहा है। लेकिन इसमें भी कुछ समस्याएं आड़े आती हैं। जैसे इलेक्ट्रिक कारों की महंगी कीमत और मेंटीनेंस के कारण हर कोई इन्हें नहीं खरीद सकता। अब खबर आई है कि प्रदूषण के बढ़ते स्त र और पेट्रोल-डीजल की अधिक कीमत को देखते हुए सरकार इलेक्ट्रिक विकल (EV) के दाम कम करने की योजना बना रही है। माना जा रहा है कि इलेक्ट्रिक कारों के दाम पेट्रोल कारों जितने हो जाएंगे।
‘आने वाला समय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का’
फिलहाल डीजल और सीएनजी कारें, पेट्रोल कारों से महंगी आती हैं। पिछले दिनों केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इलेक्ट्रिक विकल्स को लेकर सकारात्मक माहौल बनाया था। गडकरी ने एक कार्यक्रम में कहा कि वह दिन दूर नहीं, जब इलेक्ट्रिक कार की कीमत पेट्रोल कार के बराबर होगी। सरकार का देशभर में इलेक्ट्रिक बसें चलाने का भी विस्तृत प्लान है। देश में आने वाला समय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का है। हमें उम्मीाद है कि इलेक्ट्रिक ईंधन जल्द वास्तविकता बन जाएगा। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि EV की हर कैटेगरी में गाड़ियों की बिक्री में 800 फीसदी तक का उछाल आ रहा है। हर साल 25 से 30 लाख इलेक्ट्रिक कारों का रजिस्ट्रे शन हो रहा है। इसके अलावा देश में हाइड्रोजन कारों पर भी जबरदस्त फोकस किया जा रहा है।
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