Maruti Suzuki : मारुति सुजुकी की कारें कमाल की होती हैं। इन्हें यूज करने वाले इनकी तारीफ करते-करते नहीं थकते। ऐसा लगता है कि जैसे वे इस ब्रैंड से सम्मोहित हो रखे हों। खास बात ये है कि इन कारों ने स्टाइल, परफोरमेंस और फीचर हर बात में लोगों का दिल जीत रखा है। सभी कारें एक से बढ़कर एक हैं। ऐसे में मुश्किल तब होती है, जब कोई मारुति की कार खरीदने की सोच रहा हो। वह धर्मसंकट में फंस जाता है कि कौनसी कार ली जाए। आज हम मारुति की दो कारों Gypsy और Jimny की तुलना करने जा रहे हैं, जिसके बाद आप तय कर सकते हैं कि कौनसी बेहतर है।
जब ऑफ रोडिंग यानी उबड़-खाबड़ सड़कों या रोड से नीचे उतरकर चलने की बात हो तो जिस कार का नाम सबसे पहले जहन में आता है वो है मारुति सुजुकी जिप्सी। इसे एमैच्योर ऑफ रोड एनथुजिआस्ट्स, प्रोफेशनल्स काम लेते थे। साथ ही यह रैली में, पुलिस और यहां तक की सेना में भी काम ली जाती थी। जिप्सी की क्षमता देखते ही बनती है। हालांकि 30 साल से भी ज्यादा समय तक राज करने के बाद साल 2019 में कंपनी ने आम लोगों के लिए जिप्सी बनानी बंद कर दी थी। अब इसे टेक ओवर करने के लिए नई सुजुकी जिम्नी तैयार है।
अब हम मारुति सुजुकी जिप्सी और जिम्नी के बीच कुछ खास चीजों की तुलना करेंगे :-
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सबसे पहले परफोरमेंस पर नजर डालते हैं। मारुति सुजुकी जिप्सी को शुरुआत में एक 1.0 लीटर इंजन के साथ लॉन्च किया गया था, जो 45बीएचपी पॉवर जनरेट करता था। साल 1996 में इस इंजन को मारुति एस्टीम के 1.3 लीटर इंजन से अपडेट कर दिया गया, जो 60बीएचपी पॉवर देता था। इस इंजन को डिसकंटीन्यू करने से पहले यह आंकड़ा 80बीएचपी तक पहुंच गया था। जिप्सी के इंजन में कई बदलाव देखे गए, जिसमें सर्वाधिक बलेनो के थे और यहां तक कि इसमें टर्बोचार्जिंग भी थी। इसके अलावा स्कॉर्पियो का डीजल पॉवरट्रेन भी था। दूसरी ओर, जिम्नी में ब्रेजा, सियाज व अर्टिगा को पॉवर देने वाला 1.5 लीटर इंजन है, जो 103बीएचपी प्रोड्यूस करता है। इंजन एक 5 स्पीड मैनुअल या एक 4 स्पीड ऑटो से मेटेड है, जबकि जिप्सी शुरुआत में 4 और बाद में 5 स्पीड मैनुअल में अपडेट की गई थी।
मारुति सुजुकी जिप्सी एक टैंक ऑफ रोड कार थी। यह लॉ रेशो 4डब्ल्यूडी गियरबॉक्स के साथ किसी भी प्रकार की क्षति से बचने के लिए किसी भी बाधा से मुकाबला कर सकती थी। उत्साही लोग अक्सर कहते हैं कि बात जब ऑफ रोड कैपेबिलिटीज की आती है तो सिर्फ बैटल टैंक ही जिप्पी से आगे निकल सकता है। हालांकि जिप्सी में कोई इलेक्ट्रॉनिक एड्स, कोई डिफ लॉक्स और कोई असिस्ट्स नहीं थे, लेकिन इसके लिए पोर्टल एक्सल्स सहित ढेरों आफ्टरमार्केट एसेसरीज अवलेबल थीं। दूसरी ओर, जिम्नी इस डीएनए को आगे लेकर जाती है, लेकिन ज्यादा कंपोज्ड तरीके से। जिम्नी में हिल होल्ड व हिल डिसेंट कंट्रोल जैसे इलेक्ट्रॉनिक एड्स और बेहतर ट्रेक्शन के लिए ब्रेक एक्टुएटेड डिफ लॉक्स मौजूद हैं।
जब हर दिन की व्यावहारिकता के हिसाब से देखते हैं तो जिप्सी की तुलना में जिम्नी लक्जरी कार है। जिप्सी की लीफ स्प्रिंग सस्पेंशन इसे हार्ड राइड देता है, जबकि इंजन हाईवे पर 80 किमी प्रति घंटा के करीब स्पीड पर स्ट्रेस होता है। इंजन एक गैस गजलर था, जबकि विकल इलेक्ट्रिकल फॉल्ट के लिए कुख्यात था। विंड अप विंडोज, मैनुअल लॉक्स, एनालॉग गैजेज और ब्रेक्स फंक्शन की तुलना में सजेशन थे, जिसका मतलब है कि जिप्सी ऑन रोड की बजाय ऑफ रोड को बेहतर सूट करती थी।
दूसरी ओर, जिम्नी में बेहतर सस्पेंशन, ज्यादा रिफाइन्ड इंजन, ऑटोमैटिक गियरबॉक्स की चोइस, अच्छा एसी, बेहतर लाइट, पॉवर विंडोज, स्मार्टफोन कनेक्टिविटी और बेहतर ब्रेक का मतलब है कि ये ज्यादा जीवंत कार है। इसके अलावा सेफ्टी फीचर्स में मल्टीपल एअरबैग्स, एबीएस, आइसोफिक्स चाइल्ड सीट एंकर्स जिम्नी को जिप्सी से ज्यादा सुरक्षित बनाते हैं। माना जा रहा है कि जिम्नी को जल्द ही कई आफ्टरमार्केट प्रॉडक्ट्स की मदद से ऑफ रोड जिप्सी जितना कैपेबल बना दिया जाएगा। फिर भी जिप्सी निर्विवाद रूप से चैंपियन रहेगी।
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