Keerthi N C : भारतीय छात्र-छात्राएं शुरू से ही विदेशों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते आए हैं। अब ऐसी उपलब्धि हासिल करने वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। दरअसल अब भारतीय शिक्षण संस्थानों के स्तर में भी काफी सुधार हुआ है। इससे वहां पढ़ने वालों को शानदार माहौल मिलने लगा है, जिसमें वे और निखर रहे हैं। पहले लड़कियों को कम समझा जाता था, लेकिन अब हर क्षेत्र में उनकी धमक है। आज हम बात कर रहे हैं एक ऐसी ही चमकदार छात्रा कीर्ति एन सी की। कीर्ति ने आईआईटी और आईआईएम जैसे बहुत बड़े संस्थान से शिक्षा नहीं लेने के बावजूद दिखा दिया है कि आपकी प्रतिभा के आगे सब चीजे बौनी साबित होती है।
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बेंगलुरू के UVCE में पढ़ती हैं कीर्ति
कीर्ति कर्नाटक के बेंगलुरू स्थित सरकार द्वारा संचालित यूनिवर्सिटी विश्वेस्वरया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (UVCE) की छात्रा हैं। कीर्ति ने 58.3 लाख रुपए का सालाना पैकेज वाला जॉब हासिल कर इतिहास रच दिया। कीर्ति को यह रिकॉर्ड ब्रेकिंग पैकेज का ऑफर कैलिफोर्निया बेस्ड साइबर सिक्योरिटी कंपनी से मिला। कीर्ति तुमाकुरू जिले के मधुगिरी की रहने वाली हैं। कीर्ति ने यूवीसीई के ही दो स्टूडेंट्स का रिकॉर्ड तोड़ा है जिन्हें साल 2019 में एक ऑस्ट्रेलियन कंपनी ने 49.75 लाख रुपए का सैलरी पैकेज ऑफर किया था। कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग की छात्रा कीर्ति फिलहाल फाइनल सेमेस्टर में हैं। उनका फाइनल एक्जाम अगस्त 2023 में होगा।
इंटरव्यू में हुए कई राउंड
कीर्ति ने डेक्कन हेराल्ड के साथ बातचीत में कहा कि उन्हें अच्छा ऑफर मिलने का पूरा भरोसा था, लेकिन कंपनी ने जो पैकेज ऑफर किया उससे वह पूरी तरह से आश्चर्यचकित रह गईं। कीर्ति ने कहा कि मेरे राइटिंग, कोडिंग, टेक्निकल व मैनेजीरियल सहित कई राउंड के इंटरव्यू हुए। मैंने पूरे आत्मविश्वास के साथ इन सबको क्लियर किया। 22 वर्षीय कीर्ति को डेटा विजुअलाइजेशन पर काम के लिए हायर किया गया है।
कीर्ति ने इन कारणों से चुना UVCE
कीर्ति से जब पूछा गया कि उन्होंने यूवीसीई को ही पढ़ाई के लिए क्यों चुना तो उन्होंने बताया कि यह अफोर्डेबल था और यहां एकेडमिक प्रेशर ज्यादा नहीं था। कीर्ति ने कहा कि कर्नाटक कॉमन एंट्रेस टेस्ट में मेरी 4000वीं रैंक थी। मुझे कुछ टॉप प्राइवेट कॉलेज में भी सीट मिल रही थी, लेकिन मैंने यूवीसीई में लास्ट राउंड तक सीट मिलने का इंतजार किया। इसका कारण ये है कि इसमें फीस कम है और यहां का माहौल ऐसा है जिसमें स्टूडेंट्स को आजादी मिलती है। कीर्ति के पिताजी नागराजा जी एक सरकारी प्राथमिक स्कूल में शिक्षक हैं, जबकि मां एक गृहिणी हैं।
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