Saket Saurav : पिछले कुछ सालों में देखने में आया है कि भारत में कई लोगों ने यूनीक आइडिया के साथ स्टार्टअप शुरू किए हैं। इनमें से कइयों के हाथ सफलता लगी तो कुछ को विफलता का सामना भी करना पड़ा। यह बहुत चुनौतीपूर्ण जोखिमभरा काम माना जाता है। वैसे भी हवा के विपरीत चलने वालों को दुनिया चैन से जीने नहीं देती। यहां परंपरागत तरीके वाली भेड़चाल को अपनाना ही सही ठहराया जाता है। हालांकि इन सब बातों के बावजूद कुछ लोग बिल्कुल अलग और नया करने के पक्ष में होते हैं। कहते हैं कि कोई जब अच्छी भावनाओं और कड़ी मशक्कत के साथ कुछ भी कर गुजरने की ठान लेता है, तो भगवान भी उसका साथ देते हैं। यहां हम बात कर रहे हैं साकेत सौरव की, जिनकी पहल रंग लाई।
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2017 में की रिफिट ग्लोबल की स्थापना
दरअसल साकेत सौरव और उनके पार्टनर अवनीत सिंह ने मिलकर साल 2017 में अपनी कंपनी शुरू की। पांच साल के अंदर ही उनका रेवेन्यू (राजस्व) 200 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। उनका बिजनेस है पुराने फोन बेचना। साकेत ने साल 2011 में इंटरनेशल स्कूल ऑफ बिजनेस एंड मीडिया से एमबीए की डिग्री हासिल की। वे शॉप क्लूज में सेल्स हैड थे। उन्होंने एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स में भी काम किया। वर्ष 2017 में साकेत और अवनीत ने टियर 2 और टियर 3 शहरों को ध्यान में रखते हुए रिफिट ग्लोबल (ReFit Global) लॉन्च किया। उन्होंने अपने डिस्ट्रिब्यूशन चैनलों के माध्यम से रिफर्बिश्ड फोंस और अन्य इलेक्ट्रॉनिक आइटम बेचने शुरू किए। रिफर्बिश्ड का मतलब है ठीक करके नया जैसा बनाया गया। उनके इस प्रयास ने उन्हें बड़ी सफलता दिलाई।
फोन की इन समस्याओं को खत्म करती है कंपनी
पहले साल उनका रेवेन्यू 8 करोड़, फिर, 19 करोड़, फिर 24 करोड़ और फिर 44 करोड़ रुपए रहा। वित्तीय वर्ष 2021-22 में यह आंकड़ा 100 करोड़ रुपए को पार कर गया। पिछले वित्तीय वर्ष यानी 2022-23 में उन्होंने 200 करोड़ रुपए का रेवेन्यू अर्जित किया। योअर स्टोरी की रिपोर्ट के अनुसार रिफिट ग्लोबल कंपनी फ्लिपकार्ट, अमेजन, ओप्पो, शाओमी और विवो पर एक्सचेंज किए गए फोन खरीदती है। कंपनी टेक्नोलोजिकल और कॉस्मैटिक प्रॉबलम्स को रिजोल्व कर फोन को रिन्यू करती है। फिर इन फोन को विभिन्न डिस्ट्रिब्यूशन चैनलों के जरिये बेचा जाता है। रिफिट ग्लोबल एक एप्लीकेशन का प्रयोग कर फोन में 37 क्वालिटी चैक करने के साथ इनका निदान (डायग्नोस्टिक) करती है।
फ्लिपकार्ट पर बेचे जाते हैं 80 प्रतिशत फोन
जब फोन को यूज करने के लिए पूरी तरह से फिट घोषित कर दिया जाता है, तो वे इसे बेच देते हैं। कंपनी दूसरे डिवाइसेज को भी रिफर्बिश करती है। उनके 80 प्रतिशत फोन फ्लिपकार्ट पर बेचे जाते हैं। दूसरे ई-सेलर्स शेष 20 प्रतिशत बेचते हैं। पिछले साल कंपनी ने 5 लाख मोबाइल बेचे थे। साकेत ने बताया कि उनके फोन नए मोबाइल की तुलना में 70 प्रतिशत सस्ते होते हैं। ये फोन रिफर्बिश्ड गुड्स (सामान) के रिटेल आउटलेट पर बेचे जाते हैं, जहां से इन्हें कस्टमर्स को बेचा जाता है। कंपनी को उम्मीद है कि इस वित्तीय वर्ष में उनकी कमाई का आंकड़ा 350 करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा।
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