Sugar Price : राशन, फल-सब्जी या फिर बाजार में आ रही कोई भी चीज हो, सब पर महंगाई की परत चढ़ी हुई है। पेट्रोल-डीजल ने आग लगा रखी है। कोई चाहे पर्सनल विकल काम ले रहा हो या फिर पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करे, ज्यादा पैसा खर्च होने से उसका चेहरा बुझा-बुझा नजर आता है। आम आदमी को किसी भी तरह से राहत मिलती नहीं दिखती। वो अच्छे दिनों के इंतजार में बेहाल हुए जा रहा है। अब खान-पान के शौकीनों के लिए एक और बुरी खबर है। मुंह की मिठास बढ़ाने वाली चीनी भी कड़वाहट घोलने में लग गई है। दरअसल चीनी की कीमतें बढ़ती ही जा रही हैं और इसने पहले ही महंगाई की मार से जूझ रहीं गृहणियों की भी चिंता बढ़ा दी है।
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चीनी का उत्पादन कम होने के अनुमान से बिगड़ी सूरत
आपको बता दें कि माना जा रहा है कि इस साल चीनी का उत्पादन पिछले साल की तुलना में 9 फीसदी कम रहेगा। ऐसे में चीनी के दाम में वृद्धि शुरू हो चुकी है। पिछले महीने रिटेल मार्केट (खुदरा बाजार) में इसकी कीमत 1.25 रुपए प्रति किलोग्राम बढ़ गई। यह दाम 2 अप्रेल को 41.05 रुपए/किग्रा थे, जो 2 मई को 42.30 रुपए/किग्रा हो गए। इसी तरह पिछले महीने के दौरान होलसेल प्राइस (थोक भाव) भी 124 रुपए/किग्रा रुपए बढ़ गए। दो अप्रेल को यह कीमत 3805 रुपए/किग्रा थी, जो 2 मई को 3929 रुपए/किग्रा हो गई।
खाद्य विभाग ऐसे दे सकता है राहत
सूत्रों ने बताया कि पिछले साल चीनी का उत्पादन 357 लाख टन था और सरकार ने 100 लाख टन का एक्सपोर्ट (निर्यात) कर दिया था। उम्मीद थी कि इस साल भी ज्यादा प्रोडक्शन होगा, लेकिन अचानक प्रोडक्शन एस्टीमेट गिर गया। अब माना जा रहा है कि इस साल पिछले साल की तुलना में 9 प्रतिशत कम आउटपुट रह सकता है, जो गणना के अनुसार करीब 327 लाख टन होगा। सूत्रों का कहना है कि अनुमानित आउटपुट में गिरावट आने से चीनी के दाम बढ़ रहे हैं। कंज्यूमर्स (उपभोक्ताओं) को राहत पहुंचाने के लिए फूड एंड कंज्यूमर अफेयर्स डिपार्टमेंट ने कमर कस ली है। आने वाले दिनों में विभाग चीनी का अतिरिक्त कोटा जारी कर सकता है।
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