Mahila Samman Saving Certificate Scheme : सरकार पर पूरे देश के नागरिकों की जिम्मेदारी होती है। वह महिला, पुरुष, बुजुर्ग, बच्चे सबके विकास के लिए लगातार अलग-अलग पहल करती रहती है। विभिन्न योजनाओं के माध्यम से जनकल्याण अनवरत जारी है। फिर भी महिलाओं के उत्थान पर सर्वाधिक जोर दिया जाता है। इस दिशा में लाई गई एक ऐसी ही योजना है महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट स्कीम, जिसे 1 अप्रेल 2023 से लॉन्च किया गया है। इस आधार पर कह सकते हैं कि देश की महत्वपूर्ण आधी आबादी को भी बराबरी के मौके दिए जाना जरूरी है, जिससे भारतीय पुरुष और महिलाएं कंधे से कंधा मिलाकर हमारा मान-सम्मान बढ़ाए।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक तौर पर सशक्त बनाना है। इस स्पेशल सेविंग स्कीम में जब टैक्स भरने की बात आती है तो एक दिलचस्प ट्विस्ट आता है। स्कीम पर टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS) देने के बजाय निवेश की गई राशि से अर्जित की गई आय को खाताधारी (अकाउंट होल्डर) की कुल आय में जोड़ दिया जाएगा। यह लागू होने वाली टैक्स स्लैब पर बेस्ड टैक्सेशन पर निर्भर करेगा। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने हाल ही में एक नोटिफिकेशन के माध्यम से यह घोषणा की थी।
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ब्याज 40000 रुपए सालाना से अधिक नहीं है तो…
सीबीडीटी के नोटिफिकेशन के हिसाब से अगर महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट में इनेवेस्टमेंट से हासिल होने वाला ब्याज (इंटरेस्ट) 40000 रुपए सालाना से ज्यादा नहीं है तो कोई टीडीएस नहीं देना पड़ेगा। इस बात को ध्यान में रखते हुए कि वार्षिक ब्याज दर 7.5 प्रतिशत है, तो अधिकतम 2 लाख रुपए के निवेश पर पहले साल 15000 रुपए की इंटरेस्ट इनकम और दूसरे साल 32000 रुपए की होगी। चूंकी इंटरेस्ट इनकम 40000 रुपए की सीमा से नीचे होती है, ऐसी सूरत में टीडीएस लागू नहीं होगा। खास बात ये है कि इस स्कीम में इनवेस्ट करने से इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 80सी के तहत कोई टैक्स बेनेफिट नहीं मिलेंगे। इसका मतलब है कि खाताधारी अपने इनवेस्टमेंट पर टैक्स छूट का दावा नहीं कर सकता।
वित्त मंत्री ने बजट में की थी स्कीम की घोषणा
आपको बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल बजट पेश करने के दौरान इसी स्कीम का ऐलान किया था। यह स्कीम 1 अप्रेल 2023 से अस्तित्व में आ गई। इसमें महिलाओं को दो साल की जमा राशि पर 7.5 प्रतिशत सालाना ब्याज दर ऑफर की जाती है। यह स्कीम एक्सक्लूजिवली महिलाओं के लिए तैयार की गई है। इसमें माइनर्स (नाबालिग बच्चियां) भी शामिल हैं, जिनके गार्जियन (अभिभावक) उनका खाता खुलवा सकते हैं। इस स्कीम के अंदर महिला या नाबालिग बच्ची के नाम 31 मार्च 2025 तक ही खाता खुलवाया जा सकता है।
कम से कम 1000 रुपए जमा कराना जरूरी और अधिकतम…
महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट में खाता खुलवाने के लिए न्यूनतम राशि के रूप में 1000 रुपए जमा कराना जरूरी है। इसकी अधिकतम डिपोजिट लिमिट 2 लाख रुपए है। इनवेस्टर्स को सालाना 7.5 प्रतिशत इंटरेस्ट मिलेगा और इंटरेस्ट की राशि क्वार्टरली (त्रैमासिक) उनके अकाउंट में जमा करा दी जाएगी। दो साल में स्कीम मैच्योर होने पर खाताधारी फॉर्म-2 के माध्यम से अपनी राशि निकलवाने के लिए अप्लाई कर सकता है। इसके अलावा स्कीम का एक साल पूरा होने पर खाताधारी के पास जमा राशि का 40 प्रतिशत विड्रॉ (निकलवाने) का ऑप्शन है। अगर खाता नाबालिग बच्ची के नाम से खुलवाया गया है, तो गार्जियंस मैच्योरिटी अमाउंट को फॉर्म-3 सबमिट कर निकलवा सकते हैं।
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