Image Credit: Google
इसरो का आदित्य-एल1 यान अपने निर्धारित लक्ष्य की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। अभी वह एल 1 प्लाइंट पर नहीं पहुंचा है, लेकिन पूरी तरीके से सही काम कर रहा है। हाल में यान ने सोलर प्लेयर्स की पहली हाई एनर्जी एक्स-रे की फोटो ली है।
Image Credit: Google
29 अक्टूबर को अपने पहलेऑब्जर्वेशन पीरियड के दौरान 'आदित्य एल1' अंतरिक्ष यान में लगे 'हाई एनर्जी एल1 ऑर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर' (एचईएल1ओएस) ने सोलर फ्लेयर्स को रिकॉर्ड किया है।
Image Credit: Google
रिकॉर्ड किया गया डेटा नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) जियोस्टेशनरी ऑपरेशनल एनवायर्नमेंटल सैटेलाइट्स (GOES) के दिए गए एक्स-रे लाइट कर्व्स के अनुरूप है।
Image Credit: Google
बेंगलुरु में इसरो के यूआर राव सैटेलाइट सेंटर (यूआरएससी) के अंतरिक्ष खगोल विज्ञान समूह ने HEL1OS को विकसित किया है। उसने 29 अक्टूबर को लगभग 12 बजे से रात 10 बजे यूटी तक सोलर फ्लेयर्स को रिकॉर्ड किया।
Image Credit: Google
अच्छी तरह काम कर रहा मिशन:आदित्य यान के भेजे गए डेटा से वैज्ञानिक खुश है कि यान पूरी तरह अच्छे से काम कर रहा है।
Image Credit: Google
15 लाख किमी की है दूरी : आदित्य एल 1 को पृथ्वी और सूर्य के बीच लैग्रेंज प्वाइंट (एल 1) पर स्थापित किया जाना है। ये जगह पृथ्वी से 15 लाख किमी दूर है। वहां से ये सूर्य पर अध्ययन करेगा।
Image Credit: Google
आदित्य एल 1 में 7 पेलोड लगाए गए हैं। अगर सब कुछ सही रहा, तो ये मिशन करीब 5 साल तक काम करेगा।
Image Credit: Google
आदित्य L1 का सफर : PSLV रॉकेट ने आदित्य को 235 x 19500 Km की पृथ्वी की कक्षा में छोड़ा। 16 दिनों तक पृथ्वी की कक्षा में रहेगा। 4 बार थ्रस्टर फायर कर ऑर्बिट बढ़ाएगा।
Image Credit: Google
आदित्य के थ्रस्टर फायर होंगे और ये L1 पॉइंट की ओर निकल जाएगा। 110 दिन के सफर के बाद आदित्य ऑब्जरवेटरी इस पॉइंट के पास पहुंच जाएगा थ्रस्टर फायरिंग के जरिए आदित्य को L1 पॉइंट के ऑर्बिट में डाल दिया जाएगा।
Image Credit: Google
गरेंज पॉइंट-1 (L1) क्या है?: लैगरेंज पॉइंट का नाम इतालवी-फ्रेंच मैथमैटीशियन जोसेफी-लुई लैगरेंज के नाम पर रखा गया है। इसे बोलचाल में L1 नाम से जाना जाता है। ऐसे पांच पॉइंट धरती और सूर्य के बीच हैं, जहां सूर्य और पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल बैलेंस हो जाता है।
Image Credit: Google
Image Credit: Google