ID प्रूफ के बगैर 2000 रुपए के नोट बदलने पर आपत्ति, दिल्ली हाईकोर्ट में RBI-SBI के खिलाफ PIL

Rakesh Kumar
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Delhi High Court

दिल्ली हाईकोर्ट में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के नोटिफिकेशंस को चुनौती देने वाली एक पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (PIL) दाखिल की गई है। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार आरबीआई व एसबीआई के नोटिफिकेशंस के हिसाब से बैंक में 2000 रुपए के नोट बदलवाते समय न तो कोई फॉर्म भरना है और न ही किसी आईडेंटिटी प्रूफ की जरूरत है। हाईकोर्ट में दाखिल की गई याचिका के हिसाब से आरबीआई-एसबीआई का फैसला मनमाना और तर्कहीन है। यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करता है इसलिए निष्क्रिय (inoperative) है।

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भाजपा नेता ने दायर की याचिका

भाजपा नेता और एडवोकेट अश्विनी कुमार उपाध्याय ने यह याचिका दायर की है। वे चाहते हैं कि आरबीआई और एसबीआई को निर्देश देकर यह सुनिश्चित करने की मांग की है कि 2000 के बैंकनोट अपने-अपने अकाउंट में ही जमा कराए जाए। इससे कोई भी दूसरे के बैंक खाते में ये नोट जमा नहीं करा पाएगा और जिन लोगों के पास काला धन और असंगत संपत्ति (Disproportionate Assets) है उनकी पहचान हो सकेगी। इसके अलावा याचिका में ब्लैक मनी और असंगत संपत्ति रखने वालों के खिलाफ केंद्र को उचित कदम उठाने का डायरेक्शन देने का आग्रह भी किया गया है। इससे भ्रष्टाचार और बेनामी लेन-देन का सफाया होगा और नागरिकों के मूलभूत अधिकारों की रक्षा होगी।

जानें-किन लोगों के पास पहुंचे 3.11 लाख करोड़ रुपए

याचिका में आगे कहा गया है कि आरबीआई के मुताबिक सर्कुलेशन में मौजूद 2000 रुपए के बैंकनोट की टोटल वैल्यू 6.73 लाख करोड़ रुपए से गिरकर 3.62 लाख करोड़ रुपए हो गई है। इनमें से 3.11 लाख करोड़ या तो किसी व्यक्ति के लॉकर या फिर अलगाववादी, आतंकवादी, माओवादी, ड्रग माफिया, खनन माफिया और भ्रष्ट लोगों के पास पहुंच गए। फिलहाल भारत की जनसंख्या 142 करोड़, कुल परिवार 30 करोड़ है। कुल 130 करोड़ भारतीयों के पास आधार कार्ड है, जिसका मतलब है कि हर परिवार के पास 3-4 आधार कार्ड है। इसी तरह कुल 225 करोड़ बैंक खाते हैं, जिनमें से 48 करोड़ खाते जन-धन योजना में बीपीएल परिवारों के हैं। इसका अर्थ है कि हर परिवार के पास अकाउंट है।

बैंक खातों में ही जमा हो 2000 रुपए के नोट

हाल ही में केंद्र सरकार ने घोषणा की थी कि हर परिवार के पास एक आधार कार्ड और एक बैंक खाता है। ऐसे में आरबीआई ने बिना आईडेंटिटी प्रूफ के 2000 रुपए के नोट बदलवाने की इजाजत क्यों दी? यहां यह बताना भी जरूरी है कि 80 करोड़ बीपीएल परिवारों को फ्री अनाज मिलता है। इसका मतलब है कि 80 करोड़ भारतीय बमुश्किल 2000 रुपए का नोट यूज करते होंगे। इसलिए याचिकाकर्ता ने आरबीआई और एसबीआई से यह सुनिश्चित करने की मांग की है कि 2000 रुपए के नोट सिर्फ बैंक खाते में ही जमा कराए जाए। उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने शुक्रवार (20 मई) को 30 सितंबर तक 2000 रुपए के सभी नोट जमा कराने या बदलवाने को कहा है।

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