Saumya Singh Rathore : दुनिया में कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो औरों के लिए मिसाल बन जाते हैं। वे अपनी प्रतिभा और मेहनत के दम पर जबरदस्त सफलता हासिल करते हैं। बात बिजनेस की हो और इसमें पुरुष के बजाय कोई भारतीय महिला छाई हुई हो तो यह बहुत खास उपलब्धि हो जाती है। आज हम आपको एक ऐसी ही बिजनेसवूमन से मिला रहे हैं, जिनका ‘शुभ’ नाम है सौम्या सिंह राठौड़। बिजनेस इंडस्ट्री में सौम्या का नाम काफी इज्जत से लिया जाता है। सौम्या का लीप लेकर एक एंट्रेप्रेन्योर बनने का फैसला करने से पहले एक लंबा कॉर्पोरेट करिअर था। सौम्या ने अपने साथी के साथ स्टार्टअप शुरू किया और इसके बाद मात्र 3 साल में इसकी वैल्यू 300 मिलियन डॉलर से ज्यादा हो गई। अगले साल वे ब्रैंड एम्बेसडर के रूप में क्रिकेट लीजेंड और भारत के सबसे ज्यादा बिकने वाले नाम को लेकर आए।
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साल 2018 में साथी के साथ की विंजो की स्थापना
दरअसल सौम्या ने साल 2018 में पावन नंदा (Paavan Nanda) के साथ विंजो (WinZo) की स्थापना की। सौम्या ने पहली बार कोई वेंचर की स्थापना की, जबकि पावन के पास इससे पहले जो रूम्स (Zo Rooms) की स्थापना से एन्ट्रेप्रेनेयुरियल अनुभव था। हालांकि दोनों ने मिलकर इंडियन गेमिंग इंडस्ट्री में गजब की सफलता हासिल करते हुए एक ऐसा बिजनेस बनाया जिसमें फायदे का वादा था। विंजो को पूर्व भारतीय कप्तान व विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी ने एंडोर्स किया और यह अब एक बड़ा ब्रैंड है। इसके प्लेटफॉर्म पर 6 फॉर्मेट में 100 से ज्यादा गेम्स हैं और ये 12 भाषाओं में अवलेबल है।
विंजो में लोग कमा रहे इतना कि हो रही बल्ले-बल्ले
विंजो माइक्रो इनफ्लूएंसर्स और टांसलेटर्स के लिए भारी रोजगार पैदा करती है। विंजो में 2022 तक एक लाख इनफ्लूएंसर्स थे जो महीने के 75000 से लेकर 1 लाख रुपए तक कमा रहे थे। यहां तक कि कुछ लोग तो 5 से 10 लाख रुपए भी घर ले जा रहे थे। सौम्या ने खुलासा किया था कि उन्होंने अगले साल इनफ्लूएंस बेस की संख्या बढ़ाकर 2 लाख पहुंचाने की योजना बनाई थी। विंजो एक माइक्रो ट्रांजेक्शनल बिजनेस मॉडल पर काम करता है। सौम्या अब एक एंट्रेप्रेन्योर हैं और अपने सह संस्थापक के साथ एक यूनिकॉर्न बनाने की उम्मीद कर रही हैं। सौम्या एक साइकोलॉजिस्ट बनने के लिए ट्रेन्ड हो गई हैं। यूके की यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर से पीजी डिग्री लेने के बाद सौम्या ने लंदन में बिग फोर कंपनी केपीएमजी के साथ करिअर शुरू किया था। इसके बाद उन्होंने स्टार्टअप ईकोसिस्टम में एंट्री से पहले टाइम्स ग्रुप ऑफ इंडिया में विभिन्न रोल निभाए।
विंजो को इनसे मिली 110.5 मिलियन डॉलर की फंडिंग
सौम्या जो रूम्स व जोस्टल (Zostel) कंपनियों की फाउंडिंग टीम मेंबर्स में से एक थीं। जोस्टल एक होस्पिटेलिटी स्टार्टअप है, जिसे टाइगर ग्लोबल द्वारा बैक किया गया था। साल 2018 में आईआईएम के पूर्व छात्र पावन व सौम्या ने वर्नाकुलर गेमिंग प्लेटफॉर्म बनाने का फैसला करते हुए विंजो की स्थापना की। कोविड-19 के दौरान लॉकडाउन तथा घर पर ही रहने की मजबूरी होने से इस ब्रैंड को फायदा हुआ। सौम्या व पावन के विंजो की स्थापना के बाद से इसे कोर्टसाइड वेंचर्स, मेकर्स फंड व ग्रिफिन गेमिंग पार्टनर्स जैसे रिटर्निंग इनवेस्टर्स से 110.5 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली है।
ये मशहूर इनफ्लूएंसर्स भी विंजो के साथ रहे एंगेज
साल 2022 में सौम्या व पावन ने खेलों में आदर्श खिलाड़ी माने जाने वाले एमएस धोनी को विंजो के साथ जोड़ा। सौम्या की कंपनी ने उसी साल लोंग टर्म डील के लिए आईपीएल फ्रेंचाइजी कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) की प्रिंसिपल स्पोंसरशिप ली। कैरी मिनाटी व भुवन बाम जैसे मशहूर इनफ्लूएंसर्स भी ब्रैंड के साथ एंगेज रहे हैं। साल 2022 में सौम्या ने कहा था कि विंजो एक लाख से ज्यादा लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना चाह रही हैं। जुलाई 2021 में विंजो का वैल्यूएशन ट्रेक्सन के हिसाब से 366 मिलियन डॉलर था जो मई 2023 के हिसाब से 3000 करोड़ रुपए से ज्यादा है।
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