इन दिनों हमारे देश में 2000 रुपए के नोट को लेकर हलचल मची हुई है। हर कोई इस बारे में चर्चा करता दिखता है। इस बीच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस मामले को लेकर पैदा हो रहे सभी संदेहों को दूर किया। शक्तिकांत दास ने सोमवार को रिपोर्टर्स के साथ बातचीत में कहा कि 2000 रुपए के नोट को हटाने को लेकर किसी प्रकार की चिंता की जरूरत नहीं है, जो लीगल टेंडर के रूप में जारी रहेगा। सेंट्रल बैंक के पास दूसरे डिनोमिनेशंस (मूल्य वर्ग) के जरूरत से ज्यादा नोट उपलब्ध हैं। जानकारों के अनुसार दास का इशारा 50, 100, 200, 500 रुपए के नोटों की ओर था। दास से एक और बड़ा सवाल यह पूछा गया कि चूंकी 2000 रुपए के नोट हटाए जा रहे हैं, तो क्या 1000 रुपए के नोट की बाजार में फिर से वापसी होगी? इस पर दास ने कहा कि हालांकि 2000 रुपए के नोट वापस लिए जा रहे हैं, लेकिन नए 1000 रुपए के नोट लाने की कोई योजना नहीं है।
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पर्याप्त मात्रा से ज्यादा संख्या में नोट अवलेबल : शक्तिकांत दास
आपको बता दें कि 8 नवंबर 2016 को नरेंद्र मोदी की सरकार ने 500 और 1000 रुपए के नोट कैंसिल करने की घोषणा की थी। अब 2000 रुपए के नोट को वापस लेने के फैसले को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं कि इससे ओवरऑल मनी सप्लाई पर दबाव पड़ेगा। शक्तिकांत दास ने इस बारे में कहा कि मैं आपको भरोसा दिलाना चाहता हूं कि हमारे पास पर्याप्त मात्रा से ज्यादा संख्या में नोट उपलब्ध हैं, जो छपे हुए हैं। हमारे पास सिस्टम में छपे हुए नोट पर्याप्त मात्रा से ज्यादा अवलेबल है। ये न सिर्फ आरबीआई बल्कि बैंकों द्वारा चलाई जा रही करेंसी चेस्ट्स पर भी अवलेबल है। इसलिए पर्याप्त स्टॉक मौजूद है और चिंता की कोई बात नहीं है।
इसलिए तय की 30 सितंबर की डेडलाइन
आरबीआई गवर्नर दास ने 2000 रुपए के नोटों को लेकर तय की गई 30 सितंबर की डेडलाइन के बारे में कहा कि यह तारीख इसलिए तय की गई जिससे लोग इस प्रोसेस को गंभीरता से लें और यह अंतहीन नहीं बनें। दास ने मीडियाकर्मियों से कहा कि नोटों को बदलवाने या जमा कराने के लिए 30 सितंबर का समय दिया गया है, जिससे इसे सीरियस लिया जाए। अन्यथा (अदरवाइज) अगर आप इसे खुला छोड़ देते हैं तो यह अंतहीन प्रक्रिया बन जाएगी। गौरतलब है कि साल 2016 में बाजार में जबरदस्त तरीके से छाए 500 और 1000 रुपए के नोट बंद कर दिए गए थे। तब पैसे की वैल्यू तेजी से फिर से बढ़ाने के लिए 2000 रुपए के नोटों को जारी किया गया था। इस बारे में शक्तिकांत दास ने कहा कि अब यह उद्देश्य पूरा हो गया है। आज सर्कुलेशन में दूसरे मूल्य वर्ग के पर्याप्त नोट मौजूद हैं।
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