9वीं फेल की तगड़ी छलांग, Kailash Katkar हैं 2000 करोड़ रुपए से ज्यादा की कंपनी Quick Heal के फाउंडर, जानें…

Rakesh Kumar
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Kailash Katkar

Kailash Katkar : सफलता हासिल करनी है तो आप जो भी करें पूरा दिल लगाकर करें। ऐसा नहीं है कि बड़ी-बड़ी डिग्रियां सफलता की गारंटी है, बल्कि कम पढ़े-लिखे लोग भी अपनी मेहनत के दम पर मिसाल कायम करते हैं। हमारी आज की हस्ती कैलाश काटकर भी ऐसे ही हैं। कैलाश बहुत कमजोर छात्र थे, जिनकी पढ़ाई में जरा भी रुचि नहीं थी। कैलाश का जन्म साल 1966 में महाराष्ट्र के रहमतपुर गांव में एक साधारण परिवार में हुआ था। कैलाश के पिता एक मशीन सेटर थे। वे चाहते थे कि उनका बेटा एक इंजीनियर बने। कैलाश 9वीं क्लास में फेल हो गए और उन्होंने मुश्किल परिस्थितियों से जूझते हुए पढ़ाई छोड़ दी। इससे कैलाश के पिता के अरमानों पर पानी फिर गया। लेकिन किसे पता था कि यह स्कूल ड्रॉपआउट एक दिन एंटीवायरस इंडस्ट्री में झंडे गाड़ देगा और Quick Heal जैसी टॉप क्लास कंपनी का मालिक होगा।

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कैलाश ने रेडियो-टेप रिकॉर्डर सुधारने के साथ की काम की शुरुआत

Kailash Katkar : अपने परिवार की आर्थिक सहायता करने के लिए कैलाश ने बहुत छोटी उम्र में रेडियो और टेप रिकॉर्डर सुधारने का काम शुरू किया। बाद में कैलाश को नजदीकी रेडियो और केलकुलेटर रिपेयर शॉप में केलकुलेटर टेक्निशियन के रूप में काम करने लगे। वहां उन्हें 400 रुपए प्रति महीने की पगार मिलती थी। उनके तकनीकी ज्ञान और कौशल से खुश होकर मालिक ने उन्हें दो महीने की ट्रेनिंग के लिए मुंबई में खुद की ही दूसरी दुकान पर भेज दिया। तब कैलाश 19 साल के थे। कैलाश ने उनके साथ पुणे वाले बिजनेस में काम शुरू कर दिया, जहां उन्हें 1500 रुपए प्रति माह सेलरी मिलती थी। कैलाश केलकुलेटर व रेडियो रिपेयर करने के साथ जनरल बिजनेस के बारे में जबरदस्त सूचना हासिल करते हुए 5 साल में अपने काम में एक्सपर्ट बन गए।

पुणे में शुरू किया केलकुलेटर रिपेयर बिजनेस

Kailash Katkar : साल 1990 में कैलाश ने सोचा कि वे अब तैयार हो चुके हैं और खुद का केलकुलेटर रिपेयर बिजनेस शुरू कर उद्यमी (entrepreneur) बनने का समय आ गया है। बताया जाता है कि कैलाश ने पुणे में एक 100 स्क्वायर फुट ऑफिस किराये पर लेकर अपनी बचत में से 15000 रुपए की फंडिंग कर वन मैन बिजनेस शुरू कर दिया। इस बिजनेस से पहले साल 45 हजार रुपए की कमाई हुई, जो उस समय के हिसाब से अच्छी मानी जा सकती है। हालांकि कैलाश इससे संतुष्ट नहीं हुए। वे ज्यादा पढ़ने लगे, शॉर्ट कंप्यूटर क्लासेज लेना शुरू कर दी और अपने पोर्टफोलियो को विस्तार देने के लिए खुद की क्षमताएं बढ़ाने लगे। साल 1993 में केलकुलेटर रिपेयर बिजनेस ऑपरेट करते हुए कैलाश ने एक और बदलाव किया और CAT Computer Services के नाम से नई कंपनी खोल दी। उनका ऑफिस एक कमरे की इलेक्ट्रिकल उपकरण रिपेयर शॉप में ही था।

1994 में पब्लिश हुआ पहला Quick Heal antivirus

Kailash Katkar : ये प्रयास तब रंग लाए जब कैलाश को कुछ महीने के बाद एक सफलता मिली। उन्हें दो परिवार अपने-अपने पर्सनल कंप्यूटर (PC) की मैंटेनेंस के लिए सालाना 2-2 हजार रुपए देने को तैयार हो गए। इसके साथ ही कैलाश ने नए कस्टमर्स को लुभाना भी शुरू कर दिया। कैलाश कुछ माह बाद कॉर्पोरेट जगत में सेंध लगाने में कामयाब हुए। सितंबर में उन्हें New India Insurance के लिए सालाना मैंटेनेंस कॉन्ट्रेक्ट मिला। एक माह बाद ही कैलाश को एक और संगठन का साथ मिल गया। इससे आगे बढ़ते हुए DOS के लिए पहला Quick Heal antivirus साल 1994 में पब्लिश हुआ। जैसी कि उम्मीद थी, इससे नया बाजार स्थापित करने में मदद मिली। तब साल 1995 और 1996 में उसके सक्सेसर के रूप में क्रमश: Win 3.1 और Windows 95 आए।

22 साल पहले स्थापित बिजनेस है Quick Heal Technologies Ltd.

Kailash Katkar : आपको बता दें कि Quick Heal Technologies Ltd. 22 साल पहले स्थापित एंटीवायरस बिजनेस है, जिसका हैडक्वार्टर भारत में है। इसकी सर्विसेज में घरेलू यूजर्स के लिए Quick Heal Total Security, Quick Heal Internet Security, Quick Heal PCTuner 3.0 आदि, एंड्रॉयड यूजर्स के लिए Quick Heal Total Security और मोबाइल यूजर्स के लिए Quick Heal Mobile Security, Quick Heal Gadget Securance, Fonetastic Free, Fonetastic Pro आदि शुमार हैं। कंपनी स्ट्राइक से पहले थ्रेट्स, अटैक्स और मेलिशियस ट्रैफिक को रोकने के लिए क्लाउड बेस्ड सिक्योरिटी और एडवांस्ड मशीन लर्निंग एनेबल्ड सोल्यूशंस में मास्टर है। कंपनी की वैल्यू 200 करोड़ रुपए से भी ज्यादा है।

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