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चंद्रयान- 3 मिशन के बाद अब साइंटिस्ट चंद्रयान- 4 मिशन की ओर अग्रसर हो रहें है।
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चंद्रयान- 4 मिशन के लिए ISRO और JAXA साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
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चंद्रयान- 4 मिशन के ज़रिए साइंटिस्ट यह विश्लेषण करना चाह रहे हैं कि चंद्रमा पर जल संसाधन पाए जाते हैं या नहीं।
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साइंटिस्ट पता करना चाहते हैं कि चंद्रमा की सतह पर पानी की उपस्थिति है या नहीं, अगर है तो कितनी मात्रा में है।
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चंद्रयान - 4 मिशन को 2025 में लॉन्च किया जाएगा। H3 रॉकेट की मदद से मिशन लॉन्च होगा।
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चंद्रयान-4 मिशन के पेलोड में जांच जल विश्लेषक (REIWA) और JAXA, इसरो, NASA और ESA के विभिन्न उपकरण शामिल किए जायेंगें।
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चंद्रयान- 4 मिशन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरेगा। चंद्रयान - 4 मिशन का लैंडर जांच स्थल के पास एक धूप वाले क्षेत्र में उतरेगा।
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अगर चंद्रयान- 4 को चांद पर हाइड्रोजन का पता चलेगा, तो चंद्रयान - 4 मिशन का रोवर सैंपल्स इकट्ठा करेगा और इसकी रासायनिक संरचना, मात्रा और आइसोटोपिक एनालिजेशन के लिए इसको एनालिज्ड करेगा।
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चंद्रयान- 4 मिशन का लक्ष्य JAXA की SLIM project की सफलता के आधार पर खगोलीय पिंडों के लिए एडवांस्ड लैंडिंग तकनीक विकसित करना है।
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