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नासा की जानकारी के अनुसार जी-2श्रेणी का भू-चुंबकीय तूफान पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है और इसके पृथ्वी से भी टकराने की संभावना है।
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संभावना है कि जी-2 श्रेणी का भू-चुंबकीय तूफान अरोरा और रेडियो ब्लैकआउट का कारण बन सकते हैं।
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सौर गतिविधि में वृद्धि देखी गई है और इसकी वजह से मजबूत भू- चुंबकीय तूफान छिड़ सकते हैं और ये हमारे ग्रह पर विभिन्न प्रौद्योगिकियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
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यह घटना 1859 की कैरिंगटन घटना की तरह होगा। उस भू-चुंबकीय तूफान ने कई देशों में टेलीग्राफ प्रणालियों को नष्ट कर दिया था।
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हाल ही में नासा सोलर एंड हेलिओस्फेरिक ऑब्जर्वेटरी (SOHO) ने पृथ्वी की ओर बढ़ते एक प्रभामंडल के आकार के कोरोनल मास इंजेक्शन (CME) को ट्रैक किया है।
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SOHO द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार यह CME पृथ्वी से टकराएगा।अनुमान है कि यह CME G2 श्रेणी के भू-चुंबकीय तूफान को ट्रिगर कर सकता है।
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सौर और हेलिओस्फेरिक वेधशाला (SOHO) पर मौजूद कोरोनाग्राफ ने पृथ्वी की ओर बढ़ रहा सूर्य से निकलने वाले एक हेलो सीएमई का पता लगाया।
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जी2 श्रेणी के भू-चुंबकीय तूफान उच्च से मध्य अक्षांश क्षेत्रों में अरोरा चमकाने में सक्षम हैं। यह पृथ्वी की निचली कक्षा के निकट स्थित छोटे उपग्रहों को भी आकर्षित कर सकता है।
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यह भू-चुंबकीय तूफान शॉर्ट-वेव रेडियो ब्लैकआउट का कारण बन सकता है जो बदले में नाविकों, ड्रोन पायलटों और आपातकालीन respondents को प्रभावित कर सकता है।
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